महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों बड़ा सस्पेंस बना हुआ है। मुख्यमंत्री पद को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है, और हर दिन कुछ नया सुनने को मिल रहा है। इस बार चर्चा का केंद्र नितिन गडकरी हैं, जिनका नाम अचानक इस दौड़ में उभरकर सामने आया है। भाजपा ने पहले देवेंद्र फडणवीस को इस पद का संभावित दावेदार माना था, लेकिन अब हालात कुछ और ही तस्वीर दिखा रहे हैं।
शिवसेना (शिंदे गुट) के प्रमुख और मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद छोड़ने को लेकर नाराजगी जताई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकारने को तैयार नहीं हैं, खासकर तब जब उन्हें देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में काम करना पड़े। इस असंतोष को देखते हुए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने रणनीति बदलते हुए वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित करने पर विचार किया है।
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गडकरी, जिन्हें न केवल महाराष्ट्र बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी एक कुशल प्रशासक और अनुभवी नेता माना जाता है, इस पद के लिए एक मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। भाजपा का मानना है कि उनका नाम आगे बढ़ाने से न केवल गठबंधन की समस्याएं हल होंगी, बल्कि राज्य में स्थिरता भी बनी रहेगी। सूत्रों के अनुसार, अगर गडकरी मुख्यमंत्री बनते हैं, तो एकनाथ शिंदे को गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभाग दिए जा सकते हैं।
इस बीच, देवेंद्र फडणवीस को लेकर भी बड़ी चर्चा है। कहा जा रहा है कि उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की जगह दी जा सकती है। अगर ऐसा होता है, तो महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। फडणवीस, जिन्होंने राज्य में भाजपा को मजबूत किया है, राष्ट्रीय राजनीति में एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
हाल ही में नितिन गडकरी ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा था कि राजनीति असंतुष्ट आत्माओं का सागर है, जहां हर कोई ऊंची कुर्सी की ख्वाहिश रखता है। उनकी यह टिप्पणी अब मौजूदा हालात से जोड़कर देखी जा रही है, और लोग इसे उनके मुख्यमंत्री बनने की संभावना के संकेत के रूप में ले रहे हैं।
इस बीच, भाजपा ने 5 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह की घोषणा की है। इस दिन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा। शपथ समारोह में मुख्यमंत्री के साथ दो उपमुख्यमंत्री भी शपथ लेंगे। इसके बाद कैबिनेट गठन की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसमें भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट), और एनसीपी (अजित पवार गुट) के नेता शामिल होंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर नितिन गडकरी को मुख्यमंत्री बनाया जाता है, तो यह महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा बदलाव होगा। गडकरी की प्रशासनिक कुशलता और साफ छवि भाजपा को राज्य में और मजबूत कर सकती है। इसके साथ ही, गठबंधन के भीतर असंतोष को भी दूर किया जा सकेगा।
महाराष्ट्र की जनता इस घटनाक्रम को बड़ी दिलचस्पी से देख रही है। हर किसी की नजरें अब 5 दिसंबर के शपथ ग्रहण समारोह पर टिकी हैं। क्या नितिन गडकरी महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री बनेंगे? क्या देवेंद्र फडणवीस को राष्ट्रीय राजनीति में नई भूमिका मिलेगी? और क्या एकनाथ शिंदे भाजपा के प्रस्तावित समझौते को स्वीकार करेंगे? ये सवाल फिलहाल हर किसी के मन में हैं। आने वाले दिनों में इस राजनीतिक सस्पेंस से पर्दा उठेगा, और राज्य के भविष्य का नया अध्याय लिखा जाएगा।
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