एकल बालिकाओं के लिए सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले फैलोशिप: Savitribai Jyotirao Phule Fellowship For Single Girl Child

Savitribai Jyotirao Phule Fellowship For Single Girl Child: आज के समय में शिक्षा न केवल एक अधिकार है बल्कि एक शक्ति है जो व्यक्ति को सशक्त बनाती है। भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय इस शक्ति का उपयोग करते हुए बेटियों को आत्मनिर्भर और सफल बनाने के लिए अनेक योजनाओं को बढ़ावा दे रहा है। इनमें से एक प्रमुख योजना है “सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले फैलोशिप फॉर सिंगल गर्ल चाइल्ड”। यह योजना विशेष रूप से उन एकल बालिकाओं (सिंगल गर्ल चाइल्ड) के लिए बनाई गई है जो उच्च शिक्षा में अपने कदम आगे बढ़ाना चाहती हैं। आइए, इस योजना के हर पहलू को विस्तार से समझें और जानें कि कैसे यह योजना बेटियों के जीवन में बदलाव ला सकती है।

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एकल बालिकाओं के लिए सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले फैलोशिप: Savitribai Jyotirao Phule Fellowship For Single Girl Child

योजना के उद्देश्य

इस फैलोशिप का उद्देश्य केवल आर्थिक सहायता प्रदान करना नहीं है, बल्कि समाज में एकल बालिका की महत्वता को स्थापित करना और छोटे परिवार की नीति को बढ़ावा देना भी है। इस योजना के निम्नलिखित उद्देश्य हैं:

  1. सामाजिक विज्ञान में सिंगल गर्ल चाइल्ड की उच्च शिक्षा को प्रोत्साहित करना – ताकि वे समाज और राष्ट्र निर्माण में अपना अहम योगदान दे सकें।
  2. सिंगल गर्ल चाइल्ड के महत्व को स्वीकार करना – उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहायता प्रदान करना।
  3. छोटे परिवार की नीति का प्रचार – ताकि समाज में इसके लाभों के प्रति जागरूकता बढ़े।
  4. महिलाओं को सशक्त बनाना – उन्हें समाज में सम्मान और सुरक्षा का अहसास कराना।

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फैलोशिप का लाभ और अवधि

यह फैलोशिप पीएचडी कर रही एकल बालिकाओं को दी जाती है और इसकी अवधि पाँच वर्षों तक होती है। यह फैलोशिप उस वर्ष की 1 अप्रैल से शुरू होती है, जब छात्रा का चयन होता है, या जब वह संस्थान में अध्ययन शुरू करती है, जो भी बाद में हो। पीएचडी थीसिस जमा करने या पाँच वर्षों में से जो पहले हो, तब तक फैलोशिप का लाभ मिलता है।

वित्तीय सहायता की जानकारी

इस फैलोशिप के अंतर्गत दी जाने वाली आर्थिक सहायता निम्नलिखित है:

फैलोशिप राशि:

  • जेआरएफ (जूनियर रिसर्च फेलोशिप): पहले दो वर्षों के लिए ₹31,000/- प्रति माह।
  • एसआरएफ (सीनियर रिसर्च फेलोशिप): शेष तीन वर्षों के लिए ₹35,000/- प्रति माह।

आकस्मिकता राशि:

  • मानविकी और सामाजिक विज्ञान के लिए: पहले दो वर्षों के लिए ₹10,000/- प्रति वर्ष और शेष अवधि के लिए ₹20,500/- प्रति वर्ष।
  • विज्ञान, इंजीनियरिंग, और प्रौद्योगिकी के लिए: पहले दो वर्षों के लिए ₹12,000/- प्रति वर्ष और शेष अवधि के लिए ₹25,000/- प्रति वर्ष।

दिव्यांग छात्राओं के लिए एस्कॉर्ट रीडर सहायता:

यदि छात्रा दिव्यांग है, तो उसे प्रतिमाह ₹3,000/- की एस्कॉर्ट रीडर सहायता दी जाएगी।

हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए):

  1. हॉस्टल की सुविधा: यदि संस्थान में छात्रा के लिए हॉस्टल उपलब्ध है, तो वह केवल हॉस्टल शुल्क ले सकती है; अन्य खर्च जैसे मेस, बिजली, पानी आदि का खर्च इसमें शामिल नहीं होगा।
  2. एकल आवास की स्थिति में: यदि हॉस्टल उपलब्ध नहीं है, तो संस्थान छात्रा को एकल आवास दिलवा सकता है और छात्रा का वास्तविक किराया, एचआरए की सीमा के अनुसार, वापस कर सकती है।
  3. स्वयं के आवास की स्थिति में: यदि छात्रा स्वयं का आवास किराए पर लेती है, तो उसे सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार एचआरए का लाभ मिल सकता है।

चिकित्सा सहायता

इस योजना में अलग से कोई चिकित्सा सहायता का प्रावधान नहीं है। लेकिन, छात्रा अपने संस्थान द्वारा दी जा रही चिकित्सा सुविधाओं का लाभ ले सकती है।

अवकाश नियम

इस योजना के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के अवकाश की अनुमति है:

  1. अर्जित अवकाश: एक वर्ष में अधिकतम 30 दिन का अर्जित अवकाश, जिसमें सार्वजनिक छुट्टियाँ शामिल हैं।
  2. मातृत्व/पितृत्व अवकाश: सरकारी नियमों के अनुसार, एक बार मातृत्व या पितृत्व अवकाश का लाभ।
  3. अंतरिम अवकाश: महिला शोधार्थियों के लिए अधिकतम 1 वर्ष का अंतरिम अवकाश, जिसे अधिकतम तीन बार लिया जा सकता है।
  4. शैक्षणिक अवकाश: शैक्षणिक कार्यों या शोध से संबंधित विदेशी यात्रा के लिए 1 वर्ष का शैक्षणिक अवकाश।

पात्रता की शर्तें

इस योजना के तहत वही छात्राएं पात्र हैं जो:

  • सिंगल गर्ल चाइल्ड हैं।
  • किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/कॉलेज/संस्थान में नियमित और पूर्णकालिक पीएचडी कर रही हैं।
  • सामान्य श्रेणी के लिए 40 वर्ष तक और आरक्षित वर्ग (एससी/एसटी/ओबीसी/पीडब्ल्यूडी) के लिए 45 वर्ष तक की आयु सीमा में आती हैं।

अपात्रता की शर्तें

  • यदि परिवार में एक या अधिक पुत्र हैं, तो उस परिवार की बेटी इस योजना के लिए पात्र नहीं मानी जाएगी।
  • यदि पीएचडी पार्ट-टाइम या डिस्टेंस मोड में की जा रही है, तो वह इस योजना के अंतर्गत नहीं आएगी।

आवेदन प्रक्रिया

इस योजना के अंतर्गत आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है और इसे निम्नलिखित चरणों में विभाजित किया गया है:

  1. निर्देश पढ़ें – आधिकारिक वेबसाइट (https://frg.ugc.ac.in/) पर जाकर सभी नियम और दिशानिर्देश पढ़ें।
  2. पंजीकरण – वेबसाइट पर “New User” पर क्लिक करें और अपनी जानकारी भरें।
  3. लॉगिन – पंजीकरण के बाद लॉगिन क्रेडेंशियल प्राप्त करें और लॉगिन करें।
  4. योग्यता की पुष्टि करें – सभी पात्रता मानदंडों को सही ढंग से पढ़ें और पुष्टि करें।
  5. पीजी और पीएचडी का विवरण दर्ज करें – आवश्यक शैक्षणिक जानकारी दर्ज करें।
  6. घोषणा स्वीकार करें – सभी जानकारी सही होने पर घोषणा पर सहमति देकर सबमिट करें।

आवश्यक दस्तावेज

आवेदन के दौरान निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं:

  • पासपोर्ट साइज फोटो और हस्ताक्षर की स्कैन कॉपी।
  • अनुसंधान प्रस्ताव और उसका सारांश।
  • एकल बालिका होने का प्रमाण पत्र, जो ₹100/- के स्टाम्प पेपर पर माता-पिता द्वारा स्वप्रमाणित हो और एसडीएम/प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट/तहसीलदार द्वारा सत्यापित हो।

निष्कर्ष: Savitribai Jyotirao Phule Fellowship For Single Girl Child

भारत सरकार की सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले फैलोशिप एक सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ाया गया कदम है जो समाज में लड़कियों की स्थिति को बदल सकता है। यह योजना न केवल लड़कियों को शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने का अवसर देती है, बल्कि उन्हें एक नए भविष्य की ओर अग्रसर होने का साहस भी प्रदान करती है। इस पहल के माध्यम से सिंगल गर्ल चाइल्ड न केवल समाज की सोच को बदलेंगी, बल्कि वे नई ऊंचाइयों को छूने में भी सक्षम होंगी।

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FAQs: Savitribai Jyotirao Phule Fellowship For Single Girl Child

1. क्या केवल आवेदन फॉर्म भरने से फैलोशिप और अनुसंधान अनुदान की गारंटी मिल जाती है?

नहीं, सिर्फ आवेदन पत्र भरने से फैलोशिप का लाभ मिलना तय नहीं है। सभी आवश्यक शर्तों को पूरा करने के बाद ही योग्य उम्मीदवारों का चयन किया जाता है।

2. क्या पीएचडी में पार्ट-टाइम/डिस्टेंस मोड से दाखिला लेने पर इस योजना का लाभ नहीं मिलता?

हां, यह योजना केवल नियमित और पूर्णकालिक (फुल-टाइम) पीएचडी कार्यक्रमों के लिए ही है। पार्ट-टाइम या डिस्टेंस मोड के तहत की जा रही पीएचडी के लिए यह योजना लागू नहीं है।

3. अगर आवेदन में गलत/अधूरी जानकारी दी गई है और इसके कारण चयन रद्द हो जाता है, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी?

आवेदनकर्ता स्वयं अपनी दी गई जानकारी के लिए उत्तरदायी होता है। अगर आवेदन में गलत या अधूरी जानकारी देने से फैलोशिप रद्द होती है, तो इसकी जिम्मेदारी आवेदनकर्ता की होगी।

4. “आधार सीडिंग” का क्या मतलब है?

आधार सीडिंग का अर्थ है कि छात्र का बैंक खाता उनके आधार नंबर से जोड़ा गया है। इससे छात्रवृत्ति/फैलोशिप सीधे बैंक खाते में आसानी से भेजी जा सकती है।

5. फैलोशिप कब से देय होगी?

फैलोशिप का भुगतान चयन वर्ष के 1 अप्रैल से या जिस दिन से उम्मीदवार ने पीएचडी की शुरुआत की है, उस तारीख से देय होगी।

6. फैलोशिप/छात्रवृत्ति का भुगतान किस माध्यम से किया जाएगा?

फैलोशिप की राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाती है, जो आधार सीडेड होनी चाहिए।

7. क्या योजना के लाभों की वैधता होती है?

हां, योजना के लाभ केवल पांच साल की अधिकतम अवधि के लिए होते हैं या जब तक पीएचडी थीसिस जमा नहीं हो जाती, जो भी पहले हो।

8. क्या इस फैलोशिप के लिए ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं?

नहीं, इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है और कोई भी ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।

9. इस योजना के आवेदन किस प्रकार आमंत्रित किए जाते हैं? क्या यह ऑनलाइन प्रक्रिया है?

हां, आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है। हर साल आवेदन आमंत्रित करने के लिए प्रमुख समाचार पत्रों और रोजगार समाचार में विज्ञापन दिया जाता है। इसके अलावा, UGC की वेबसाइट पर भी जानकारी उपलब्ध होती है।

10. क्या आवेदन के लिए कोई शुल्क है?

नहीं, इस फैलोशिप योजना के लिए आवेदन के दौरान किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है।

11. क्या आवेदन एक ही बार में पूरा करना आवश्यक है?

नहीं, आप अपना आवेदन बीच में सेव कर सकते हैं और बाद में उसे पूरा कर सकते हैं।

12. मुझे कैसे पता चलेगा कि आवेदन फॉर्म में कौन सा क्षेत्र अनिवार्य है?

आवेदन फॉर्म में प्रत्येक अनिवार्य क्षेत्र को विशेष रूप से चिह्नित किया गया है। इसलिए ध्यानपूर्वक पढ़कर ही आवेदन भरें।

13. अगर फैलोशिप योजना से संबंधित कोई शंका हो, तो किससे संपर्क करें?

यदि आपको योजना से संबंधित कोई भी संदेह या जानकारी चाहिए, तो आप UGC की हेल्पलाइन या संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं। उनकी मदद से आपकी सभी शंकाओं का समाधान हो सकेगा।

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