Maharashtra Government Formation: महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले नौ दिनों से चल रही सियासी उठापटक अब निर्णायक मोड़ पर है। दिल्ली दरबार में बैठकों का दौर तेज हो चुका है और महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री का नाम लगभग तय होने की कगार पर है। सोमवार की रात और मंगलवार का दिन महाराष्ट्र की सियासत के लिए बेहद अहम साबित हो सकते हैं।
अजित पवार पहुंचे दिल्ली, शिंदे का ठिकाना मुंबई
रविवार की रात एनसीपी नेता अजित पवार दिल्ली पहुंच गए, जबकि शिवसेना शिंदे गुट के नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अभी भी मुंबई में डटे हुए हैं। उनके स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर दिल्ली आने से इंकार करने की खबरें सामने आई हैं।
बीजेपी की ओर से देवेंद्र फडणवीस और शिंदे के बीच मुख्यमंत्री पद की कुर्सी को लेकर चल रही रस्साकशी अब नई दिशा में जाती दिख रही है। माना जा रहा है कि बीजेपी, शिंदे के “नखरों” से तंग आ चुकी है और अब अजित पवार को सरकार गठन के लिए सक्रिय कर सकती है।
शिंदे के “नखरों” से मुश्किल में बीजेपी?
पिछले नौ दिनों में शिंदे के बयानों और उनकी पार्टी के नेताओं के रुख से ऐसा प्रतीत होता है कि वे मुख्यमंत्री पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं। उनके इस अड़ियल रुख के कारण महायुति के भीतर दरारें गहराती जा रही हैं। हालांकि बीजेपी के पास 132 सीटें हैं और वह महायुति के सहयोग से सरकार बनाने के लिए तैयार है। लेकिन शिंदे गुट के असहयोगी रुख ने हालात को जटिल बना दिया है।
देवेंद्र फडणवीस की वापसी तय?
महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है और देवेंद्र फडणवीस का फिर से मुख्यमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी नेतृत्व ने यह तय कर लिया है कि सरकार गठन की प्रक्रिया को और नहीं खींचा जाएगा। फडणवीस का दिल्ली में हो रही अहम बैठक से “गायब” रहना भी सियासी चर्चाओं को और हवा दे रहा है।
बीजेपी का गणित और अजित पवार की एंट्री
महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत के लिए 145 सीटें चाहिए। बीजेपी के पास 132 सीटें हैं और वह एनसीपी नेता अजित पवार और शिवसेना शिंदे गुट के सहयोग से सरकार बनाने की कवायद में है। माना जा रहा है कि अजित पवार को दिल्ली बुलाकर एनसीपी की भूमिका को और मजबूत किया जा रहा है।
दल | सीटें |
---|---|
बीजेपी | 132 |
शिवसेना (शिंदे) | 57 |
एनसीपी | 41 |
दिल्ली दरबार में होगा अंतिम फैसला
दिल्ली में चल रही बैठक में एनसीपी और बीजेपी के बीच सीएम पद को लेकर समझौते की कोशिशें तेज हैं। हालांकि, इस बात की संभावना भी जताई जा रही है कि अगर शिंदे और उनके गुट का अड़ियल रवैया जारी रहता है, तो बीजेपी उन्हें किनारे कर एनसीपी के साथ मिलकर नई रणनीति बना सकती है।
कार्यकर्ताओं में बढ़ रहा असंतोष
सरकार गठन में हो रही देरी ने बीजेपी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के मनोबल को प्रभावित किया है। महायुति में जारी खींचतान ने जनता के बीच भी भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है। ऐसे में अगले 48 घंटे बेहद निर्णायक होंगे, जब यह तय हो जाएगा कि महाराष्ट्र की कुर्सी पर किसका कब्जा होगा।
Maharashtra Government Formation: सियासी खेला जारी रहेगा?
महाराष्ट्र की राजनीति में अप्रत्याशित मोड़ आ सकते हैं। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि अजित पवार को सीएम पद की पेशकश कर शिंदे को किनारे कर दिया जाए। दिल्ली से लौटने के बाद पवार और फडणवीस की भूमिकाओं पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी।
आने वाले दिन तय करेंगे कि महाराष्ट्र की सत्ता का केंद्र कौन होगा देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार या फिर शिंदे गुट अपनी पकड़ बनाए रखने में कामयाब होगा। लेकिन इतना तय है कि महाराष्ट्र की राजनीति का यह खेल अभी खत्म नहीं हुआ है।
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