Mahila Samman Savings Certificate: आज के समय में महिलाओं का आर्थिक रूप से सशक्त होना बेहद जरूरी है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने ‘महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट’ (MSSC) योजना की शुरुआत की है। इस योजना का लक्ष्य महिलाओं और लड़कियों को वित्तीय सुरक्षा के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है, जिससे वे न केवल अपनी बचत को सुरक्षित रख सकें, बल्कि एक अच्छा ब्याज भी कमा सकें। MSSC योजना 1 अप्रैल 2023 से डाक विभाग द्वारा संचालित की जा रही है और यह योजना 31 मार्च 2025 तक लागू रहेगी।
महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट योजना: Mahila Samman Savings Certificate
योजना का परिचय
महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट योजना भारत सरकार की एक विशेष बचत योजना है, जो केवल महिलाओं और लड़कियों के लिए बनाई गई है। यह योजना महिलाओं को उनके आर्थिक भविष्य के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें बेहतर निवेश विकल्प प्रदान करती है। इस योजना को लागू करने की अनुमति 27 जून 2023 को वित्त मंत्रालय ने दी थी। योजना अब भारत के पोस्ट ऑफिस के साथ-साथ सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और कुछ निजी क्षेत्र के बैंकों में भी उपलब्ध है।
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योजना के मुख्य लाभ और विशेषताएँ
महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट योजना का उद्देश्य देश की महिलाओं को न केवल वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है, बल्कि उनकी छोटी और दीर्घकालिक बचत के माध्यम से उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- निवेश की अवधि: इस योजना में निवेश की अवधि दो साल की है, यानी किसी भी महिला या लड़की के द्वारा इसमें किया गया निवेश 2 साल के बाद परिपक्व होता है।
- ब्याज दर: MSSC योजना में 7.5% की स्थिर ब्याज दर प्रदान की जाती है, जो तिमाही आधार पर संयोजित की जाती है। यह ब्याज दर महिलाओं के लिए सुरक्षित और आकर्षक निवेश का अवसर प्रदान करती है।
- न्यूनतम और अधिकतम निवेश: इस योजना में न्यूनतम ₹1,000 और अधिकतम ₹2,00,000 तक का निवेश किया जा सकता है। यह निवेश ₹100 के गुणकों में किया जा सकता है।
- आंशिक निकासी की सुविधा: इस योजना में महिलाएं 1 वर्ष बाद अपने खाते के कुल शेष राशि का 40% तक निकाल सकती हैं। यह सुविधा उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जिन्हें आकस्मिक स्थितियों में धन की आवश्यकता होती है।
- परिपक्वता पर भुगतान: MSSC योजना में 2 साल की अवधि पूरी होने पर खाता परिपक्व हो जाता है और खाता धारक को जमा की गई राशि के साथ-साथ ब्याज का भुगतान किया जाता है।
विशेषता | विवरण |
---|---|
योजना का समय | 2 साल तक निवेश हेतु मान्य है, खाता 31 मार्च 2025 तक खुलवा सकते हैं। |
ब्याज दर | 7.5% वार्षिक, जिसे तिमाही आधार पर जोड़ा जाएगा। |
न्यूनतम निवेश | ₹1,000 और उसके गुणक में निवेश कर सकते हैं। |
अधिकतम निवेश सीमा | ₹2,00,000 तक। |
मियाद समाप्ति पर भुगतान | 2 साल बाद खाता परिपक्व होता है। |
आंशिक निकासी | योजना के बीच 1 साल के बाद 40% तक की निकासी की सुविधा। |
योजना में पात्रता और शर्तें
MSSC योजना में आवेदन करने के लिए कुछ शर्तें हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है:
- भारतीय नागरिकता: इस योजना में केवल भारतीय नागरिक महिलाएं ही आवेदन कर सकती हैं।
- लड़कियों के लिए भी योजना उपलब्ध: इस योजना का लाभ न केवल व्यस्क महिलाएं बल्कि नाबालिग लड़कियां भी उठा सकती हैं। ऐसे मामलों में, नाबालिग के अभिभावक के माध्यम से खाता खोला जा सकता है।
- एकल खाताधारक का खाता: MSSC योजना के तहत खाता केवल एकल खाताधारक के रूप में खोला जा सकता है। इसका मतलब है कि संयुक्त खाते की अनुमति नहीं है।
- अधिकतम राशि और समय अंतराल: एक महिला अपने नाम पर एक से अधिक खाते खोल सकती है, बशर्ते प्रत्येक खाता खोलने के बीच तीन महीने का अंतर हो। हालांकि, कुल निवेश राशि ₹2,00,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
निवेश और ब्याज का भुगतान
इस योजना में निवेश की गई राशि पर तिमाही आधार पर 7.5% की ब्याज दर लागू होती है, जिससे महिलाओं को निवेश का अधिकतम लाभ प्राप्त होता है। ब्याज हर तिमाही में जोड़ दिया जाता है और परिपक्वता के समय ब्याज सहित पूरी राशि खाताधारक को मिल जाती है।
नोट: अगर किसी कारणवश खाता समय से पहले बंद कर दिया जाता है, तो उस स्थिति में ब्याज दर पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट की दर के अनुसार लागू की जाएगी।
आंशिक निकासी की सुविधा
MSSC योजना में एक महत्वपूर्ण विशेषता है आंशिक निकासी की सुविधा। निवेश की शुरुआत के एक साल बाद महिलाएं अपने खाते से कुल शेष राशि का 40% तक निकाल सकती हैं। यह सुविधा उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जिन्हें आकस्मिक खर्चों के लिए धन की आवश्यकता होती है, जैसे चिकित्सा, शिक्षा, या अन्य महत्वपूर्ण जरूरतें। नाबालिग के खाते में आंशिक निकासी उसके अभिभावक द्वारा की जा सकती है।
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समय से पहले खाता बंद करने का प्रावधान
हालांकि इस योजना की परिपक्वता अवधि 2 साल की है, परंतु कुछ विशेष परिस्थितियों में खाता समय से पहले भी बंद किया जा सकता है:
- मृत्यु की स्थिति: यदि खाता धारक का निधन हो जाता है, तो खाता तुरंत बंद किया जा सकता है और जमा राशि ब्याज सहित उसके नामिनी या परिवार को लौटा दी जाएगी।
- विशेष परिस्थितियाँ: चिकित्सा संबंधी गंभीर स्थितियों या किसी अन्य आपात स्थिति में खाताधारक द्वारा समय से पहले खाता बंद करने का अनुरोध किया जा सकता है। इस स्थिति में संबंधित बैंक या पोस्ट ऑफिस द्वारा जांच के बाद अनुमति दी जा सकती है।
- आम परिस्थिति में बंद करना: खाता धारक 6 महीने के बाद भी खाता बंद कर सकते हैं, लेकिन इस स्थिति में ब्याज की दर से 2% की कटौती कर दी जाएगी।
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FAQs: महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट योजना: Mahila Samman Savings Certificate
1. महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट योजना क्या है?
2. महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट पर ब्याज दर क्या है?
3. कौन इस योजना के तहत खाता खोल सकता है?
4. इस योजना का क्या लाभ है?
5. योजना के तहत कहां खाता खोला जा सकता है?
6. इस योजना के लिए निवेश की अवधि क्या है?
7. इस योजना में न्यूनतम और अधिकतम निवेश की सीमा क्या है?
8. खाते की परिपक्वता कब होती है?
9. क्या महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट को समय से पहले बंद किया जा सकता है?
10. निकासी प्रक्रिया कैसे काम करती है?
11. किन परिस्थितियों में समय से पहले खाता बंद किया जा सकता है?
मृत्यु की स्थिति: खाताधारक की मृत्यु हो जाने पर।
विशेष परिस्थितियाँ: जैसे जीवन-धमकाने वाली बीमारी में चिकित्सा सहायता की आवश्यकता, या अभिभावक के निधन की स्थिति में।
आम परिस्थितियाँ: खाता खुलने के 6 महीने बाद किसी अन्य कारण से बंद करना हो तो ब्याज दर में 2% की कटौती की जाएगी।
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