National Livestock Mission (NLM): गाय, बकरी, भेड़, मुर्गी और सूअर पालन के लिए सरकार दे रही ५० % सब्सिडी, जाने कैसे करे आवेदन!

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National Livestock Mission: भारत में पशुधन क्षेत्र कृषि के साथ-साथ ग्रामीण आजीविका का एक अहम हिस्सा है। इस क्षेत्र को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) की शुरुआत की। वित्तीय वर्ष 2014-15 से चल रही इस योजना को 2021-22 में वर्तमान जरूरतों के अनुसार पुनर्गठित किया गया।

पुनर्गठित राष्ट्रीय पशुधन मिशन का उद्देश्य पशुपालन से जुड़े छोटे और सीमांत किसानों को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करना, प्रति पशु उत्पादकता में वृद्धि करना और पशु उत्पादों जैसे मांस, अंडा, बकरी का दूध, ऊन और चारे का उत्पादन बढ़ाना है। इस योजना का फोकस असंगठित क्षेत्र के उत्पादकों को संगठित बाजार से जोड़कर उनकी आय में वृद्धि करना है।

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राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM): National Livestock Mission

राष्ट्रीय पशुधन मिशन National Livestock Mission के उद्देश्य

NLM का उद्देश्य भारत के पशुधन क्षेत्र को एक नई दिशा प्रदान करना है। इस मिशन के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  1. रोजगार के अवसर बढ़ाना:
    छोटे पशुधन जैसे बकरी, भेड़, मुर्गी और सूअर पालन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देकर रोजगार सृजन करना।
  2. प्रति पशु उत्पादकता बढ़ाना:
    नस्ल सुधार के माध्यम से पशुओं की उत्पादकता को बढ़ाना।
  3. उत्पादन बढ़ाना:
    मांस, अंडा, बकरी के दूध और ऊन का उत्पादन बढ़ाना ताकि घरेलू मांग पूरी होने के बाद निर्यात के अवसरों का लाभ उठाया जा सके।
  4. चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करना:
    प्रमाणित चारा बीजों की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत कर चारे की मांग-आपूर्ति के अंतर को कम करना।
  5. चारा प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना को बढ़ावा देना:
    साइलाज, चारा ब्लॉक और है बेलींग इकाइयों की स्थापना के लिए प्रोत्साहन प्रदान करना।
  6. जोखिम प्रबंधन को प्रोत्साहन:
    किसानों को पशुधन बीमा जैसी योजनाओं से जोड़कर जोखिम को कम करना।
  7. अनुसंधान और विकास:
    कुक्कुट पालन, भेड़, बकरी, सूअर और चारे के क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देना।
  8. प्रशिक्षण और कौशल विकास:
    पशुपालकों और राज्य अधिकारियों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
  9. उत्पादन लागत में कमी:
    नई तकनीकों और कौशल आधारित प्रशिक्षण के माध्यम से उत्पादन लागत को कम करना।

राष्ट्रीय पशुधन मिशन National Livestock Mission का ढांचा

NLM को तीन उप-मिशनों में विभाजित किया गया है, जो इस योजना के व्यापक लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेंगे।

1. नस्ल विकास उप-मिशन (Breed Development Sub-Mission)

यह उप-मिशन कुक्कुट पालन, भेड़, बकरी और सूअर पालन के क्षेत्रों में नस्ल सुधार और उद्यमिता विकास पर केंद्रित है। इस योजना के तहत निम्नलिखित को प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा:

  • व्यक्तिगत पशुपालक
  • किसान उत्पादक संगठन (FPOs)
  • स्व-सहायता समूह (SHGs)
  • राज्य सरकारें, जो नस्ल सुधार के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण करेंगी।

2. चारा और खुराक विकास उप-मिशन (Feed and Fodder Development Sub-Mission)

यह उप-मिशन चारा बीजों की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने और चारे की उपलब्धता बढ़ाने पर जोर देता है। इसमें निम्नलिखित बिंदुओं पर कार्य किया जाएगा:

  • प्रमाणित चारा बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
  • साइलाज, चारा ब्लॉक और है बेलींग जैसी इकाइयों की स्थापना के लिए उद्यमियों को प्रोत्साहन देना।

3. नवाचार और विस्तार उप-मिशन (Innovation and Extension Sub-Mission)

इस उप-मिशन के तहत अनुसंधान और विकास, प्रचार-प्रसार और पशुधन बीमा पर जोर दिया गया है। इसमें निम्नलिखित पहल शामिल हैं:

  • अनुसंधान संस्थानों, विश्वविद्यालयों और संगठनों को अनुसंधान और विकास के लिए सहायता।
  • पशुधन बीमा योजनाओं का विस्तार।
  • जागरूकता कार्यक्रम, प्रदर्शन गतिविधियां और संगोष्ठियों का आयोजन।

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कार्य क्षेत्र

राष्ट्रीय पशुधन मिशन पूरे भारत में लागू होगा। चाहे उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम या पूर्वोत्तर क्षेत्र हो, इस योजना के तहत हर राज्य और क्षेत्र में पशुपालन को बढ़ावा दिया जाएगा।

संस्थागत ढांचा

सशक्त समिति (Empowered Committee)

मिशन के कार्यान्वयन और निगरानी के लिए एक सशक्त समिति का गठन किया गया है।

  • इस समिति के अध्यक्ष पशुपालन और डेयरी विभाग के सचिव होंगे।
  • अन्य सदस्य: वित्तीय सलाहकार, पशुपालन आयुक्त, और चयनित राज्यों के प्रमुख सचिव।
  • मिशन निदेशक: राष्ट्रीय पशुधन मिशन के संयुक्त सचिव।

चरण 1: ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरें (Online Application Form)

आपका पहला कदम:

  • सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आपको फॉर्म भरने के लिए सभी आवश्यक जानकारी और दस्तावेज़ उपलब्ध हैं।
  • ऑनलाइन आवेदन पत्र (LAF) को ध्यानपूर्वक पढ़ें और उसे भरने से पहले सभी दिशानिर्देश समझ लें।
  • आवश्यक दस्तावेज़ों की सूची और आवेदन पत्र डाउनलोड करने के लिए पोर्टल पर जाएं।

चरण 2: राज्य कार्यान्वयन एजेंसी (SIA) द्वारा आवेदन की जांच

  • आपके आवेदन को राज्य कार्यान्वयन एजेंसी (SIA) द्वारा गहराई से जांचा जाएगा।
  • SIA यह सुनिश्चित करेगी कि आपका आवेदन पात्रता मानदंडों को पूरा करता है।
  • पात्र व्यक्तियों या संस्थाओं के आवेदन को परियोजना के शेष वित्तपोषण के लिए अनुसूचित बैंकों या वित्तीय संस्थानों जैसे नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NCDC) को भेजा जाएगा।

चरण 3: ऋणदाता द्वारा ऋण स्वीकृत किया जाना (Loan Sanction by Lender)

  • SIA द्वारा अनुशंसित परियोजना को बैंक या वित्तीय संस्थान द्वारा वित्तपोषण के लिए विचार किया जाएगा।
  • बैंक या संस्थान पोर्टल से आपके आवेदन और दस्तावेज़ों को उठाएंगे।
  • दस्तावेज़ों और परियोजना की जांच के बाद, बैंक आंतरिक प्रक्रिया पूरी कर ऋण को स्वीकृत करेगा।
  • ऋण स्वीकृत होने के बाद, बैंक पोर्टल पर स्वीकृति पत्र अपलोड करेगा।

चरण 4: राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति (SLEC) से अनुशंसा

  • जैसे ही बैंक या वित्तीय संस्थान परियोजना को स्वीकृति देगा, SIA इसे राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति (SLEC) के पास भेजेगी।
  • SLEC आपकी परियोजना को केंद्रीय सरकार (पशुपालन और डेयरी विभाग) के पास अनुशंसा के लिए भेजेगी।

चरण 5: DAHD द्वारा सब्सिडी की स्वीकृति

  • केंद्रीय सरकार का पशुपालन और डेयरी विभाग (DAHD) आपके आवेदन पर सब्सिडी स्वीकृत करेगा।
  • सब्सिडी स्वीकृत होने के बाद इसे पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा।

चरण 6: ऋण वितरण और सब्सिडी जारी करना

  • स्वीकृति पत्र में दिए गए नियमों और शर्तों का पालन करने के बाद, ऋणदाता आपके खाते में ऋण राशि जारी करेगा।
  • अनुमोदित परियोजनाओं के लिए सब्सिडी राशि को स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (SIDBI) के माध्यम से बैंक या वित्तीय संस्थानों को भेजा जाएगा।
  • इसके बाद, बैंक सब्सिडी राशि को आपके खाते में जारी करेगा।

राष्ट्रीय पशुधन मिशन: एक बेहतर भविष्य की ओर

राष्ट्रीय पशुधन मिशन सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि एक ऐसा कदम है जो लाखों किसानों के जीवन को बदलने की क्षमता रखता है। यह मिशन भारत को पशुपालन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा।

यह योजना न केवल उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करती है, बल्कि ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार के अवसर भी प्रदान करती है। साथ ही, पशुधन बीमा और अनुसंधान के माध्यम से पशुपालन क्षेत्र को जोखिम मुक्त और आधुनिक बनाने की ओर अग्रसर है।

आइए, इस मिशन के माध्यम से भारत के पशुपालन क्षेत्र को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाने में योगदान दें। यह मिशन आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक सशक्त कदम है।

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राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM): अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

१. राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) क्या है?

राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य पशुपालन क्षेत्र को सशक्त बनाना, रोजगार के अवसर पैदा करना और पशुधन उत्पादकता को बढ़ावा देना है। यह योजना 2021-22 में पुनर्गठित रूप में शुरू की गई है और इसके तहत मांस, अंडा, बकरी का दूध, ऊन और चारे का उत्पादन बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है।

२. NLM का मुख्य उद्देश्य क्या है?

NLM का मुख्य उद्देश्य है:
छोटे और सीमांत किसानों के लिए रोजगार और उद्यमिता के अवसर पैदा करना।
पशुओं की नस्ल सुधार के माध्यम से उनकी उत्पादकता बढ़ाना।
चारे की आपूर्ति बढ़ाना और चारा प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करना।
पशुधन बीमा और अनुसंधान को बढ़ावा देना।
पशुपालकों को नवीनतम तकनीकों और कौशल के साथ सशक्त बनाना।

३. इस योजना का लाभ कौन ले सकता है?

राष्ट्रीय पशुधन मिशन का लाभ निम्नलिखित उठा सकते हैं:
व्यक्तिगत पशुपालक
किसान उत्पादक संगठन (FPOs)
स्व-सहायता समूह (SHGs)
संयुक्त देयता समूह (JLGs)
राज्य सरकारें और उनके पशुधन विभाग

४. क्या इस योजना का लाभ पूरे भारत में लिया जा सकता है?

हाँ, राष्ट्रीय पशुधन मिशन पूरे भारत में लागू किया गया है। इसका उद्देश्य देश के सभी राज्यों और क्षेत्रों में पशुपालन को बढ़ावा देना है, चाहे वह उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम या पूर्वोत्तर क्षेत्र हो।

५. क्या किसानों को पशुधन बीमा का लाभ मिलेगा?

हाँ, राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत किसानों को जोखिम प्रबंधन के लिए पशुधन बीमा की सुविधा प्रदान की जाएगी। यह बीमा पशुपालकों को अप्रत्याशित परिस्थितियों में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा।

६. इस योजना के तहत सहायता कैसे प्राप्त करें?

इस योजना का लाभ उठाने के लिए, इच्छुक व्यक्ति या संगठन अपने राज्य के पशुपालन विभाग से संपर्क कर सकते हैं। वहाँ से योजना की प्रक्रिया और आवेदन से संबंधित जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

७. क्या महिलाएं इस योजना से जुड़ सकती हैं?

बिल्कुल! महिलाओं को इस योजना से जोड़ने के लिए विशेष रूप से स्व-सहायता समूह (SHGs) और संयुक्त देयता समूह (JLGs) के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाता है। यह योजना ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में भी एक कदम है।

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